Short moral story in hindi namak aur gadha

Namak aur Gadha नमक और गधा Lazy Donkey story in hindi

Namak ka Vyapari aur alasi Gadha hindi moral short story for kids class 1
पहली कक्षा के बच्चों के लिए प्रेरक और moral कहानी। कामचोर गधे की कहानी Hindi 

Kamchor gadhe ki kahani
Namak ka vyapari aur Gadha

 नमक के एक व्यापारी के पास एक गधा था। वह व्यापारी रोज सुबह अपने गधे पर नमक की बोरियाँ लादकर आस पास के गाँवो मे नमक बेचने ले जाया करता था। 

आसपास के गाँवो में जाने के लिए उसे कई नाले और छोटी-छोटी नदियाँ पार करनी पड़ती थीं। एक दिन नदी पार करते समय गधा अचानक पानी में गिर पड़ा इससे गधे के शरीर पर लदा हुआ ढेर-सारा नमक पानी में घुल गया अब गधे का बोझ काफी हल्का हो गया। उस दिन गधे को अच्छा आराम मिल गया।


                    दूसरे दिन वह व्यापारी रोज की तरह गधे पर नमक की बोरियाँ लाद कर नमक बेचने निकला। उस दिन पहले नाले को पार करते समय गधा जानबूझ कर पानी मे बैठ गया। 


                     उसकी पीठ का बोझ फिर हल्का हो गया। व्यापारी उस दिन भी गधे को लेकर वापस लौट आया। पर नमक के व्यापारी के ध्यान मे आ गया कि आज गधा जानबूझकर पानी मे बैठ गया था। उसे गधे पर बहुत गुस्सा आया। इसलिए डंडे से उसने गधे की खूब पिटाई की। उसने कहा, “मूर्ख प्राणी, तू मुझसे चालाकी करता है। मैं तुझे सबक सिखाए बिना नही रहूगाँ।“ अगले दिन व्यापारी ने गधे पर रूई के बोरे लादे गधे ने फिर वही तरकीब आजमाने की कोशिश की, नाला आते ही वह पानी मे बैठ गया। इस बार उल्टा ही हुआ। रूई के बोरो ने खूब पानी सोखा और गधे की पीठ का बोझ पहले से कई गुना बढ़ गया। पानी से बाहर आने मे गधे को खूब मेहनत करनी पड़ी। उस दिन के बाद से गधे ने पानी मे बैठने की आदत छोंड दी। 

Moral of the story

शिक्षा -मूर्ख सबक सिखाने से ही काबू में आते हैं। 

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